आत्मकथा
मेरी लेखनी का सफर
मुझे लिखने का शौख बहुत पहले से था। मैं अपनी डायरियों में अपने विचार कविताओं के रूप में लिखती थी। उन्हे कभी प्रकाशित करवाने का
मुझे लिखने का शौख बहुत पहले से था। मैं अपनी डायरियों में अपने विचार कविताओं के रूप में लिखती थी। उन्हे कभी प्रकाशित करवाने का
डॉ ऋषिका वर्मा वर्तमान में दर्शन विभाग, हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल) उत्तराखंड में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। ऋषिका वर्मा