
सोच कर देखो
जिंदगी में सबकी सबकुछ नहीं मिलता, किसी का कुछ तो किसी का और रह ही जाता है। कोशिश करो हर दिन जीने की जिंदगी को,
जिंदगी में सबकी सबकुछ नहीं मिलता, किसी का कुछ तो किसी का और रह ही जाता है। कोशिश करो हर दिन जीने की जिंदगी को,
कुछ बातें हम से सुना करों. कुछ बातें हम से किया करों। मुझे दिल की बात बता डालो, तुम होंठो को न है सिला करों
उड़ान इतनी आसान न थी,न था कोई साथ।सूखे पत्ते को जीवंत करना,थी जैसे कोई बात। अड़चनें थी, फिर भी उम्मीद थी,अंधियारे में जैसे कोई जलता
बहुत कुछ छूटा सा, बचा हुआ,कहने को, करने को,जैसे सब रह गया।भावनाएं जो मन से लिपटी हुई,कहना चाहा था,पर दिल को थामना पड़ा। बातें कई
प्रेम जो दो दिल, दो इंसान को एक कर दे,दो शरीर होकर भी एक जान कर दे। घाव किसी एक को लगे, दूसरा घायल हो
जब जीवन नीरस सा प्रतीत हो,जब हर क्षण मुश्किलों का भवंर हो।जब अपना कहने को कोई नहीं,जब हर रिश्ता छले, जीवन कहर हो।उम्मीदों की आस
अंधियारे में खोया हुआ मन बावरा,नाउम्मीदी से उम्मीद लगाए हुए।तूफान कोई उठने को आतुर सी है,जल रहा, लपटे लिपटने को है।प्रेम है, या शत्रु, पास
सब्र का अभी तक मेरे इम्तिहान जारी है, रात में चरागों का इंतजाम जारी है। रेत के महल में मेरी इक किताब रखी है, घुल
जो किस्सा अजनबी था जिन्दगी का, आजकल हमसफर है जिन्दगी का। कोई भी आदमी परिचित नहीं है, बड़ा तन्हा सफर है जिन्दगी का। जो अक्सर
हर खुशी ही रेत सी हरदम फिसल जाती है क्यूँहर घड़ी अब जिंदगी की ग़म में ढल जाती है क्यूँ थाम कर के हाथ जिसका