नशा
नशा किसी भी प्रकार का हो, व्यक्ति के विनाश का कारण बनाता है। आज समाज में नशा करने के समान बहुत आसानी से मिल जाते
नशा किसी भी प्रकार का हो, व्यक्ति के विनाश का कारण बनाता है। आज समाज में नशा करने के समान बहुत आसानी से मिल जाते
खलील जिब्रान कहता है- कुछ वर्ष पहले की बात है। मैं एक पागलखाने के बगीचे में टहल रहा था। टहलते हुए मेरी मुलाकात एक
विश्वास एक ऐसा अदृश्य बल है जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। यह वह शक्ति है जो इंसान को अंधकार से निकालकर
चीते की प्रतियोगिता कुत्तों से हो रही थी…. लोग तुलना करना चाहते थे कि कौन तेज दौड सकता है? लेकिन सभी हैरान थे कि चीता
विधि का विधान भी कैसा है, सबको सबकुछ नहीं मिलता। किसी को मिलता है सागर तो, किसी को एक बूंद भी नहीं मिलता। कोई पढ़
सुकून है वो तोफ़हा जो सबको सब जगह नहीं मिलता, इसे पाने के गर खोना पड़े कुछ तो खोना जरूरी है। एक कप चाय के
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा वैज्ञानिक आविष्कार हो, जो पहली बार में सफल हो गया हो। दुनिया में शायद ही कोई पर्वतारोही ऐसा हो,
मुझे लिखने का शौख बहुत पहले से था। मैं अपनी डायरियों में अपने विचार कविताओं के रूप में लिखती थी। उन्हे कभी प्रकाशित करवाने का
श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान श्रीकृष्ण मेरे नटखट गोपाल, यमुना के तट पर रचाये रास। माता इनकी देवकी मैया, यशोदा के भी कहलाए लाल। बचपन
माना- जीवन के ये रास्ते बहुत लंबे है, चारों ओर बाधाएँ है, अंधेरा है, रुकावट है, लेकिन ये लंबे रास्ते पल भर में कट जाएंगे,