हिन्दी हमारी शान है।
हिन्दी भाषा हिन्द की, सरल सुगम पहचान। मीठी वाणी मृदुल है, हिन्दी का सद्ज्ञान।। हिन्दी मेरी आन है, हिन्दी मेरी बान। जन-जन की है आत्मा,
हिन्दी भाषा हिन्द की, सरल सुगम पहचान। मीठी वाणी मृदुल है, हिन्दी का सद्ज्ञान।। हिन्दी मेरी आन है, हिन्दी मेरी बान। जन-जन की है आत्मा,
साहित्य बने दर्पण समाज का, अंधेरे मे बने रोशनी की किरण। भावों की बहती गंगा इसमे, जो डूबता तर जाता इसमे, समाज की आत्मा है
विश्व में हो हिन्दी का सम्मान हिंदी है अपनी शान, हिंदी है अपनी पहचान, विश्व में फैलाएँ इसे, यही है अपना अरमान। भाषाओं की रानी
शिक्षक: प्रकाश के समान ज्ञान का दीपक जलाते हैं, अज्ञान का अंधकार मिटाते हैं। जीवन को देते हैं दिशा, सपनों को आकार बनाते हैं। हर
नशा किसी भी प्रकार का हो, व्यक्ति के विनाश का कारण बनाता है। आज समाज में नशा करने के समान बहुत आसानी से मिल जाते
खलील जिब्रान कहता है- कुछ वर्ष पहले की बात है। मैं एक पागलखाने के बगीचे में टहल रहा था। टहलते हुए मेरी मुलाकात एक
विश्वास एक ऐसा अदृश्य बल है जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। यह वह शक्ति है जो इंसान को अंधकार से निकालकर
चीते की प्रतियोगिता कुत्तों से हो रही थी…. लोग तुलना करना चाहते थे कि कौन तेज दौड सकता है? लेकिन सभी हैरान थे कि चीता
विधि का विधान भी कैसा है, सबको सबकुछ नहीं मिलता। किसी को मिलता है सागर तो, किसी को एक बूंद भी नहीं मिलता। कोई पढ़
सुकून है वो तोफ़हा जो सबको सब जगह नहीं मिलता, इसे पाने के गर खोना पड़े कुछ तो खोना जरूरी है। एक कप चाय के