संकल्प की शक्ति
संकल्प की शक्ति अपार, मन के भीतर बहती धार। जीवन की हर कठिन घड़ी में, संकल्प बने दीपक की ज्योति। हर मुश्किल को सरल बना
संकल्प की शक्ति अपार, मन के भीतर बहती धार। जीवन की हर कठिन घड़ी में, संकल्प बने दीपक की ज्योति। हर मुश्किल को सरल बना
“पहचान” शब्द सुनते ही मन में सवाल उठता है – आखिर हमारी पहचान क्या है? क्या यह केवल हमारा नाम है, जो हमें दूसरों
बेटियां, चंचल, कोमल, प्यारी सी, घर के आंगन को मेहकाती, फुलवारी सी। चहकती रहती है घर में दिन भर, गौरैया जैसी प्यारी सी। मत छीनो
स्वच्छता है धर्म हमारा, इससे बनता जीवन सारा। घर हो या गलियाँ, साफ रखो, गंदगी को सबसे दूर करो। नदियों में कचरा मत डालो, प्रकृति
आज का विषय है कि क्या सीधा और सरल व्यक्तित्व होना भी एक चुनौती है। मेरा जवाब है; हाँ। प्रत्येक मनुष्य का स्वभाव भिन्न भिन्न
जिंदगी का सफर आसान नहीं होता। यहां हर कोई अच्छा इंसान नही होता। अकेले है चलना पड़ता है सब राहों पर, यहां कोई किसी
छोटी सी है मेरी अभिलाषा, छोटा सा घर हो मेरा, ऊपर प्यारा सा नेम प्लेट मेरे नाम का। घर के बाहर बड़ा सा बगीचा
हिन्दी भाषा हिन्द की, सरल सुगम पहचान। मीठी वाणी मृदुल है, हिन्दी का सद्ज्ञान।। हिन्दी मेरी आन है, हिन्दी मेरी बान। जन-जन की है आत्मा,
साहित्य बने दर्पण समाज का, अंधेरे मे बने रोशनी की किरण। भावों की बहती गंगा इसमे, जो डूबता तर जाता इसमे, समाज की आत्मा है
विश्व में हो हिन्दी का सम्मान हिंदी है अपनी शान, हिंदी है अपनी पहचान, विश्व में फैलाएँ इसे, यही है अपना अरमान। भाषाओं की रानी