सन् 1857 महाक्रांति के योद्धा, हरियाणा के राजनायक राजा राव तुलाराम
धरा धरणि हिल गए निशाने गगन की ओट लगाए थे स्वतंत्रता के शूरवीर उस महायुद्ध में आए थे रखकर जान हथेली पर दुश्मन पर भृकुटि
धरा धरणि हिल गए निशाने गगन की ओट लगाए थे स्वतंत्रता के शूरवीर उस महायुद्ध में आए थे रखकर जान हथेली पर दुश्मन पर भृकुटि