भुला दो मुझे
मैं कहता हूं कि तुम भुला दो मुझे,कान्टेक्ट लिस्ट से हटा दो मुझे,ड्राइव से फोटो मिटा दो मेरी,गैलरी से पिक्चर हटा दो मेरी,सोशल साइट पर
मैं कहता हूं कि तुम भुला दो मुझे,कान्टेक्ट लिस्ट से हटा दो मुझे,ड्राइव से फोटो मिटा दो मेरी,गैलरी से पिक्चर हटा दो मेरी,सोशल साइट पर
गांव गांव गली गली नगर चौराहे देखो,हर दिशा मां की जयकार ही सुनाई है।जिधर भी नजरें देखोगे उठाके उधर,मातु दुरगे की भव्य मूरति सजाई है।रखते
हंस वाहिनी,मां सरस्वती,ज्ञान का भण्डार दे दो, शील वाणी में सदा हो,काव्य का संसार दे दो। प्रेम सबको दें सदा हम, प्रेम की आकांक्षा है,
निज अपनों से पिस रहे,हम तो अब हर रोज, प्रेम यहां मिलता नहीं,लाखों कर लें खोज। लाखों कर लें खोज, न कोई प्रेम निभाता भाई
टूटे मन के भ्रम सभी,हुआ नहीं विश्वास, प्रण कर ले अब तो मना,नहीं किसी की आस। नहीं किसी की आस,भरोसा खुद पर करना, रिश्ते तो
ढूंढ रहा था मन जिसे,होकर बड़ा उदास,नहीं दिखाई दे रही,लिया आज अवकाश।लिया आज अवकाश,हमेशा मुझे सताए,सबसे करती बात, नहीं यह मुझको भाए।बना बहाने रोज, झूठ
मैं कवि नहीं हूं दिल के बस उद्गार लिखता हूं, नफरतों को दूर कर बस प्यार लिखता हूं। भाई-बन्धु और रिश्तों में घुले है जो
समय के साथ बदले यार,उनका प्यार बदला है, नहीं बदला तो केवल मैं,मेंरा अधिकार बदला है। वही हम हैं, वही हैं यार,जमाना भी वही है
दिया धोखा मुझे तुमने तो फिर अपना बनाया क्यों, कोई तुमको पसंद था और तो मुझको सताया क्यों। तुम्हारी मंजिलें थी क्या?था मकसद तुम्हारा क्या?
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में क्यों लड़ते हो, ऊंच नीच और जाति भेद कर आपस में ही मरते हो। एक ही ईश्वर के सब