पिता : सदैव आदरणीय
भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य में पिता का स्थान सदैव आदरणीय, अनुकरणीय और पूजनीय रहा है। हमारे जीवन में पिता का स्थान सबसे ऊंचा है।
भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य में पिता का स्थान सदैव आदरणीय, अनुकरणीय और पूजनीय रहा है। हमारे जीवन में पिता का स्थान सबसे ऊंचा है।
आज ही के दिन बुद्ध पूर्णिमा को भारत की पावन भूमि पर महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। (563 BC-483 BC) इसको चमत्कार कहिए
जल के बिना जीवन संभव नहीं, जल है तो जीवन है।रामचरितमानस- किष्किन्धाकाण्ड में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है किक्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा ।पंच रचित्