आत्महत्या ?
आत्महत्या कोई किस हालातों में करता है,कोई उस इंसान के दर्द को उतनी गहराई से,शायद हि समझ सकता। कोई एक कारण नहीं होता, नहीं हो
आत्महत्या कोई किस हालातों में करता है,कोई उस इंसान के दर्द को उतनी गहराई से,शायद हि समझ सकता। कोई एक कारण नहीं होता, नहीं हो
अक्सर ये होता है,लिखने वाला लिखता अपने दिल कि है,चाहे उसके अनुभव हो, या उसने कहीं देखा हो,चाहे उसके मन कि पीड़ा हो, ख़ुशी हो,या
देश दुनिया में कभी संक्रमण तो,कभी आतंक का प्रहार हुआ।कई आपदाएं सर उठाकर कुचलने को तैयार हुआ।कभी चक्रवात(साइक्लोन), कभी भूकंप,कभी भूस्खलन तो कभी कुछ और।फिर
हमारे भारत में, गलत को गलत कहना भी,सबसे बड़ा पाप है, अपराध है। क्यों के कई बार प्रमाण से ज्यादा,अपने ज्ञान से ज्यादा,समझ, अपनी शिक्षा
मेरे एहसास, मेरे शब्द,मेरी धड़कन, मेरे नब्ज।मेरा अपना, मेरा सपना,मेरी उम्मीदें, मेरी ख्वाहिशें।मेरा वजुद, मेरा सुकून,मेरी खुशी, मेरा जूनून।मेरा रब, मेरी प्रार्थना,मेरी दुआ, मेरा आसमां।मेरी
वो प्रेम जिस में निस्वार्थ का भाव हो, दया हो, करुणा हो, जीवन के लिए उत्शाह हो। वो प्रेम जो ज़िन्दगी देना सिखाती हो, लोगों