सरिता सिंह
सरिता सिंह

सरिता सिंह

साहित्यिक परिचय 1- नाम -सरिता सिंह 2- पिता का नाम : श्री मदन लाल 3- पति का नाम - डॉ राकेश कुमार 4- वर्तमान / स्थायी पता : गोरखपुर 6- जन्म तिथि -26/09/1987 7- जन्म स्थान - लखनऊ 8- शिक्षा- स्नातक, एमबीए ग्रामीण विकास, बी.एड 9- व्यवसाय- स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी 10- प्रकाशन विवरण- 3 पुस्तको का प्रकाशन हुआ आहुति , नारी पुष्प पलाश , इदनमम साझा संग्रह एवं पुस्तकें: नारी नारायणी, सफलता सफर संघर्षों का, स्वतंत्र लेखन साहित्य रेखा, होली विशेषांक, सेना विशेषांक,होली विशेषांक, मां पत्रिका,हम पंछी एक डाल के, अनुभूति (उमेश स्वामी), लॉकडाउन एक अनुभव, भावांजलि 2 , नशा मुक्ति, प्रेरणा , संगम सवेरा ई पत्रिका , अद्विका, शब्दकार ,ग्राम टुडे, साहित्यनामा , भागीरथी वार्षिकी , मां संकलन , प्रेम संकलन ,(हमरुह् प्रकाशन) , नारी शक्ति (मनोहर प्रकाशन) 11- लेखन के क्षेत्र में प्राप्त सम्मान का विवरण- प्राप्त सम्मान : काव्य गौरव (वाह वाह क्या बात मंच मध्य प्रदेश),दीपोत्सव रत्न(कलम बोलती है), सरस्वती स्वरूप (साहित्य रेखा दिल्ली), 7 सिने सम्मान(वर्तमान अंकुर साहित्य परिवार),5 मुंशी प्रेमचंद्र सम्मान (कहानी लेखन प्रतियोगिता वर्तमान अंकुर मंच)श्रेष्ठ रचनाकार, श्रेष्ठ आलोचक,सुपर वूमेन अवार्ड 2020(fsia), उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान 2020उत्तर प्रदेश विश्व हिंदी लेखिका मंच. ज्योतिबा फुले सम्मान 2021 गोरखपुर, वूमेन विक्ट्री अवार्ड 2021 , फिराक गोरखपुरी सम्मान 2022 इलाहाबाद, साहित्य केतु सम्मान देवरिया , भागीरथी साहित्य मंच द्वारा 18 दिसंबर 2022 को प्रगल्भ पुरस्कार से सम्मानित 2022, विभिन्न आभासी मंचों से 350 से ज्यादा ई प्रमाण पत्र. Copyright@सरिता सिंह/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

चाहत आगे बढ़ने की हो

चाहत आगे बढ़ने की हो पढ़ना लिखना सीखो।चाहत कुछ करने की हो तकदीर से लड़ना सीखो। चाहत कवि बनने की हो, लय को मन में

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मानव धर्म

मानवता एक सच्चा धर्मार्थ हैनहीं कोई इससे बड़ा कर्मार्थ है।जाति धर्म से ज़रा हटकर देखो।मानव सेवा ही सच्चा परमार्थ है। मानवता सच्चा सेवा परोपकार है।जीव

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ऋतुराज बसंत मनभावन

चढ़ल बसंती रंग धरा ज्यों, मन में भईल तरंग।लहेलहे लहेके सरसों फुलवा , कोईल करे उमंग।रितु बासंती आवत बाटे , गछिया करे बयान ।गीत मनोहर

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