अपना आकर्षक और सुंदर पूर्वांचल क्षेत्र
पुरुषोत्तम राम, श्री कृष्ण की जन्मभूमि एवं गंगा, यमुना, सरस्वती की बहती धारा से पवित्र हमारा उत्तर प्रदेश भारत वर्ष का जनसंख्या की दृष्टि से
पुरुषोत्तम राम, श्री कृष्ण की जन्मभूमि एवं गंगा, यमुना, सरस्वती की बहती धारा से पवित्र हमारा उत्तर प्रदेश भारत वर्ष का जनसंख्या की दृष्टि से
कोई भी उन्नत से उन्नत तकनीक शिक्षक की जगह नहीं ले सकती। शिक्षक का काम केवल पढ़ाना-लिखाना ही नहीं होता बल्कि बच्चे का चहुंमुखी विकास
बिहार के लिए एक कहावत बेहद प्रचलित है- “एक बिहारी सौ पे भारी।” बौद्धिकता यहां के कण-कण में विद्यमान था। लेकिन अफसोस ऋषियों, मुनियों एवं
“भूलों नहीं अहमियत रिश्तों की कभी,ये वो नाज़ुक डोर हैं जों जुड़ती नहीं फिर से।” वर्तमान युग में रिश्ते-नातों की अहमियत कम होती जा रही
शिक्षक से हम शिक्षा प्राप्त करते हैं। शिक्षक वह व्यक्ति है जो हमें जीवन में उपयोग में आने वाली हर चीज़ें सिखाता है। इसमें किताबी
अठारह पुराण के सार के रूप में महर्षि व्यास ने लिखा है कि..अष्टादशपुराणानां सारं व्यासेन कीर्तितम् ।परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम् ।।अर्थात दूसरों का उपकार करने
उत्तर प्रदेश भारत वर्ष का जनसंख्या दृष्टि से एक विशाल राज्य है। इसके पूर्वी छोर पर स्थित पांच मण्डल के सत्रह जिले पूर्वांचल के अंतर्गत
हमारे जीवन को सरल, सहज और सफल बनाने में शिक्षा और विद्या दोनों का काफी महत्व है, लेकिन दोनों में कुछ मौलिक अंतर या भेद
भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य में पिता का स्थान सदैव आदरणीय, अनुकरणीय और पूजनीय रहा है। हमारे जीवन में पिता का स्थान सबसे ऊंचा है।
आज ही के दिन बुद्ध पूर्णिमा को भारत की पावन भूमि पर महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। (563 BC-483 BC) इसको चमत्कार कहिए