जिन्दगी का रहस्य पता ही नहीं
जिंदगी एक उलझा हुआ ख्वाब हैकब ओ क्या देखले कुछ पता ही नहीजो हुआ ना कभी भी दिवास्वप्न मेंरात में कैसे आया पता ही नही
जिंदगी एक उलझा हुआ ख्वाब हैकब ओ क्या देखले कुछ पता ही नहीजो हुआ ना कभी भी दिवास्वप्न मेंरात में कैसे आया पता ही नही
निगाहे ऐसी डालो तुम कि दिल शीतल सा हो जाएभरे दिल प्रेम जीवन में सदा खुशियां बिखर जाएंरहे सब ही सुरक्षित इन निगाहों के ही
उसकी आंखों में मैंने उठता वो मंजर देखाघाव दिल में बनाते आंख का खंजर देखाकरके तिरछी निगाहे ओठ पे मुस्कान लिएखिलते महलो को बनाते हुए
बसाओ दिल में हनुमान को जोश नहीं कम होंगेभरा अगर विश्वास हृदय तो साथ सदा ही होंगेसौप के देखो अपना जीवन हनुमान के चरणों मेंसदा
मुझे अपने दिलों में तुम बसा लेते तो अच्छा थामेरा बिखरा हुआ जीवन सजा देते तो अच्छा थासदा ही दिल में रहता मैं तुम्हारी धड़कने
होता उसका जीवन निर्मल जिसकी सोच सही होती हैअगर सोच हो सकारात्मक जीवन में खुशियां भरती हैगलत सोच रखकर के मन में काम यहां जो
सा पंथ लिखा है मैंने वैसा जीवन जीता हूंप्रेम भाव में डूब के हरदम रस अमृत का पीता हूंसाथ कभी तो चल कर देखो कितनी
(पहले ) जख्म से जख्म दिल के मिटे जा रहे थेएक छूटे तो दूजे मिले जा रहे थेवो पुराना था अब तो नया मिल गयासोचकर
हर कदम से कदम अब मिला कर चलोफूल हर जख्म का अब मिटा कर चलोफिर तो मिल जाएगा तुझको सारा जहासब को अपने गले से
मैंने हंसकर के गुजारी है जिंदगी अपनीभले ही जिंदगी कांटों से होके गुजरी होसदा ही ठोकरो से सीखा संभलना मैंनेभले ही जिंदगी मे ठोकरे ही