खुद अपनी तकदीर बनाएंगे
किस्मत का लिखा मिटाएंगे, खुद अपनी तकदीर बनायेगे । आज जमाना मेरी हंसी उड़ा ले कल सबके मुंह उतर जायेंगे ।। अभी सब दर्द जख्म
किस्मत का लिखा मिटाएंगे, खुद अपनी तकदीर बनायेगे । आज जमाना मेरी हंसी उड़ा ले कल सबके मुंह उतर जायेंगे ।। अभी सब दर्द जख्म
एक तेरे सिवा कोई भी,हमारा नहीं है, हमने ऐसे तो किसी को,पुकारा नहीं है ।। ये इश्क भी तो है एक,दरिया के जैसे, इसमें दिखता
हे गुरु गोविंद सिंह के लाल, तुमने कर दिया खूब कमाल । प्राण दे दिए अपने हंसकर, पर नही झुकाया कभी भाल ।। वजीर खान
दिसंबर जा रहा है मुझको,फिर से जार जार करके । तेरी यादों को मेरे दिल में,फिर से तार तार करके ।। बिछड़े हुए तो तुमसे,एक
पंडितजी मदन मोहन ने, अंग्रेजी सत्ता को हिलाया था, सत्यमेव जयते का नारा, सारे विश्व में छाया था ।। सत्य त्याग और देशभक्ति का, अनूठा
अटल बिहारी वाजपेई जी ने, वो किया जो कोई न कर पाया था । परमाणु परीक्षण करवा करके, सारी दुनियां को चौंकाया था ।। भारत
ये सेंटा क्लॉज साल में, सिर्फ एक बार ही आता है, एक सेंटा मेरे घर में है,जो हरपल खुशियां लुटाता है । मेरी आंख के
सबरी राह देख रही है, रघुवीर मेरे कब आयेंगे । नैन मेरे अति व्याकुल है, कब इनकी सुधा मिटाएंगे ।। पथ से कंटक नित्य हटाती
मौसम के भी गजब नजारे, लगते कितने मन को प्यारे । कभी शरद तो कभी बसंत, पतझड़ के अंदाज निराले ।। जब ग्रीष्म ऋतु से
फिर से मानवता घबराई है, फिर से एक आहट आई है । करोना अबकी मत आना, तुमको ये राम दुहाई है । इस मुश्किल से