जब जीवन नीरस सा प्रतीत हो,
जब हर क्षण मुश्किलों का भवंर हो।
जब अपना कहने को कोई नहीं,
जब हर रिश्ता छले, जीवन कहर हो।
उम्मीदों की आस दूर तक धुंद में हो,
मृत्यु आसान, जीवन कठिन हो।
चाहे जीवन के हालात कुछ भी हो,
चाहे जीवन गरल हो।
आत्मविस्वास के हथियार से,
उसके धार के प्रहार से,
जीवन पुष्प सा सुगंधित,
चिर सुखद हो जाएगी।
वक़्त फिर करवट लेगा,
और जीवन में गति आएगी।
बस यूँही।
देखे जाने की संख्या : 4