रक्षाबंधन
रक्षाबंधन: भाई-बहन का प्यार
भाई-बहन का रिश्ता प्यारा,
अनोखा, अलग और निराला।
भाई-बहन आपस मे झगड़ते,
कुछ देर बाद फिर मिल जाते।
एक दूसरे से जलते भी है,
और प्यार भी बेशुमार लुटाते।
बड़ा भाई परवाह है करता,
तो छोटा भाई करता परेशान।
बड़ी बहन को सताते सब हरदम,
करने देते नहीं कोई काम ।
बहनों की जब शादी हो जाती,
रह जाते है बिलकुल अकेले भाई
रक्षाबंधन जब आए हर साल,
खुश हो जाते है सब भाई।
मिलकर सब मस्ती है करते,
बचपन की याद दिलाते है सब।
कैसे सब आपसे में लड़ते,
फिर आपस में मिल जाते है।
बहनें हमेशा भाई पर प्यार लुटाती,
मायका अपना कभी भुल नहीं पाति।
भाई भी चाहे कुछ भी हो जाए,
दूर रहकर भी अपना फर्ज़ निभाते है।
बचपन से जो साथ पले-बढ़े,
कैसे दूर हो जाते है।
रक्षाबंधन के त्योहार पर,
सब भाई-बहन मिलकर जश्न मनाते है।
स्वरचित कविता
डॉ ऋषिका वर्मा
गढ़वाल उत्तराखंड
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