आंखों में प्यार लिए, होंठो पे मुस्कान लिए
भाव में भरी हुई, वो पास चली आती हैं
अंजन की धार लिए ,आंख में कटार लिए
सादगी का करके, सिंगार चली आती हैं
सांसों में बिखेर कर ,खुशबू वो प्यार की
दिल में वो भर के, बहार चली आती हैं
नींद में भी डूबे हुए, दिल में सजोए हुए
बनकर रातों का ,वो ख्वाब चली आती हैं
मतवाली चाल चले ,मादक नयन भरे
सब पे लुटाती अपना, प्यार चली आती हैं
प्रेम के ही नशे में , सबको मदहोश करके
छलकाती जैसे कि, शराब चली आती हैं
पूछते हैं लोग जब ,कि कैसा है मोहब्बत नशा
बन के हर प्रश्न का, जवाब चली आती हैं
देखे जाने की संख्या : 91