आज हम जलाएं प्रेम दीपक दिल के द्वार
जिससे प्रकाशित हो ये पूरा संसार
जग में अधेरा ना अज्ञानता का वास
सब के दिलों में भरे प्रेम का प्रकाश
भाव हो पावन सबका प्रखर विचार
सब के दिलों में बहे शीतल बयार
दया माया ममता हो दिल में अपार
प्रेम का ही दीपक जले सदा संसार
कर्म धर्म नीति का हो मन में निवास
भाव जागे दिल में सभी के दिन रात
प्रेम की बसे दिलों में खुशबू अपार
कभी ना बने किसी के जीवन में खार
अधरों पे रख अपने मधुर मुस्कान
कोमल हृदय में करें प्रेम का संचार
मन हो ना कुंठा न दूषित विचार
त्याग प्रेम दिल में ही भरा हो अपार
छल दंभ ईर्ष्या ना आए कभी पास
होती रहे प्रेम की सदा ही बरसात
धरती से लेकर के पूरा आकाश
छाया हो जगत में सदा ही उल्लास
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