जिसने जीवन को संवारा है मेरे
वो ही जीवन का मेरे हकदार हो
गम में भी मैं मुस्कुरा कर के जियू
ऐसा ही मेरा यहां किरदार हो
कर्म से ही सबके दिल में बैठ जाऊं
स्वप्न दिल का हर मेरा साकार हो
आके फिर ना जाए जीवन से कभी
दिल का मेरे ऐसा ही मेहमान हो
ना अहम और ना वहम दिल में पले
ऐसा ही सुंदर मेरा संसार हो
ना छलावा ना दिखावा हो कभी
सत्य ही मुझको सदा स्वीकार हो
भाव में उमड़ी घटाएं जब घिरे
उससे तो बस प्यार की बरसात हो
बन गया जो जिंदगी में जिंदगी
जिंदगी का उसको ही अधिकार हो
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