एक दिन गणतंत्र दिवस की चढ़ी खुमारी है,
छुट्टी का दिन है बस यही बात इसकी प्यारी है,
कितनों के दिल में धड़कता है देश सच सच बताना,
सिर्फ एक दिन का देशप्रेम मत हमको जतलाना,
लेकर तिरंगा सेल्फी ले ली सोशल मीडिया भी जरूरी है,
तीन रंग का लिया दुपट्टा अरे रूको बैन्ड भी तो जरूरी है,
शर्ट पर लग रहे बिल्ले एक से एक बढ़कर देशप्रेमी है,
हर तरफ चली बहार सेल और गिव अवे की ,
गणतंत्र दिवस ना हुआ सेल दिवस 26 जनवरी है,
इसलिये कितने जवान हंसते हंसते फांसी पर झूल गये?
एक दिन का देशप्रेम फिर बक्से में रखकर हम भूल गये,
किस कीमत पर मिली आजादी बस पोस्ट किया और भूल गये,
आजादी काले कानून से
आजादी बहते खून से,
आजादी नारकीय जीवन से,
आजादी बन गये गुलाम से,
आजादी तिरंगा फहराने की ,
आजादी अपना कानून बनाने की,
आजादी राष्ट्रगान गाने की ,
आजादी इंसान मानने की,
आजादी अपने देश की,
आजादी अपने भेष की ,
आजादी वाणी की स्वतंत्रता की,
आजादी मतदान और गणना की,
आजादी नई दिशा ऊंची उडान की,
आजादी विश्व पटल पर नापते आसमान की ,
आजादी……आजादी…..आजादी
नमन है उन वीरों को जो अनमोल सौगात हमें दे गये,
नतमस्तक है शीश मेरा जो आजादी वो हमें दे गये,
थोड़े से जिम्मेदार बन जिम्मेदारी तो निभाओ यारों,
देशप्रेम को अपने रग रग में फैलाओ यारों..!