मैं कवि नहीं हूं दिल के बस उद्गार लिखता हूं,
नफरतों को दूर कर बस प्यार लिखता हूं।
भाई-बन्धु और रिश्तों में घुले है जो जहर,
दूर करने को मैं गीता सार लिखता हूं।।
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