निगाहें वहां पर हो जहां होंसले पस्त होते हैं।
चिराग वहां जलाओ जहां सूरज अस्त होते हैं।।
क्या लेना दुनियादारी की चापलूसी से।
जो साफ दिल होते हैं वो अपने में ही मस्त होते हैं।।
गिने ना गिने जमाना उन्हें कीमती दौलत में।
वो शायरी की महफिल में नगीने जबरदस्त होते हैं।।
सौदा अगर दिल का करना हो तो सोचने का मौका नहीं मिलता।
ऐसे फैसले अक्सर बे वक्त होते हैं।।
हमने सांवले लड़को के दिलों को खोल कर देखा है।
वहां बेवफाई के मारे टुकड़े हजार रंजित रक्त होते हैं।।
हम नारियल के जैसे हैं हमें थोड़ा इत्मीनान से सुनना।
हम अंदर से नरम बाहर से थोड़ा सख्त होते हैं।।
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