सरस्वती मां

मां शारदे सदा तुम कृपा बनाए रखना ।
बिना कृपा तुम्हारे है ज्ञान नहीं होता ,
बिना कृपा तुम्हारे , कला,संगीत नहीं आता ।
ज्ञान, विद्या और कला की तुम अधिष्ठात्री हो ,
सब बच्चे हैं तुम्हारे, तुम सब की मातृ हो ।
पाकर भी ज्ञान विद्या , आज युवा भटक रहे हैं ,
करना है सृजन , तो नाश कर रहे हैं ।
अर्जित कर विद्या भी उन्हें ज्ञान न हो पाता है ,
सब कुछ तब जीवन में दांव पर लग जाता है ।
बिना ज्ञान होता है नहीं कुछ जीवन में ,
बिना कृपा तुम्हारे, कुछ हो न पाता जीवन में ।
यह अर्ज है मां तुमसे , बच्चों का ख्याल रखना ,
सब तुम्हे पूज रहे हैं , आशीष उनको देना ।
बन कर रहें वो अच्छे , सद्ज्ञान दिल में आए ,
सब बच्चे हैं तुम्हारे , माता तुम्हीं हो सबका ।

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4 Comments

  • जय प्रकाश कुअर January 27, 2023

    शुक्रिया महोदय 🙏

    • डॉ दिवाकर चौधरी January 27, 2023

      आपका स्वागत है|

  • जय प्रकाश कुअर January 27, 2023

    शुक्रिया महोदय आप को उपलब्ध सुचना के लिए ।

    • डॉ दिवाकर चौधरी January 27, 2023

      आपका स्वागत है |

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रचनाकार

Author

  • जय प्रकाश कुअर

    फ्लैट नं २०५ बी, संगीता पैलेस, कैलाश इन्केव, शिवपुरी , पटना -२३.Copyright@जय प्रकाश कुअर/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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