श्री कृष्ण की महिमा
श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान
श्रीकृष्ण मेरे नटखट गोपाल,
यमुना के तट पर रचाये रास।
माता इनकी देवकी मैया,
यशोदा के भी कहलाए लाल।
बचपन में जाते गाय चराने,
हर गोपियों के दिल में करते वास।
शेष नाग के घमंड को तोड़ा,
बनाया उनको अपना दास।
कंस भी हारा मार न पाया उनको,
अंत में हुआ उसका भी नाश।
राधा-कृष्ण की लीला सबको है भाती,
उन दोनों जैसा प्रेम नहीं दूसरा कोई खास।
द्वारका में जाकर भव्य नगर बसाया,
हुआ उसमे कृष्ण प्रेमियों का वास।
रुक्मनी से कृष्ण ने ब्याह रचाया,
दिया उनका कठिन परिस्थिति में साथ।
अर्जुन को धर्म-संकट से निकाला,
दिया पूरे युद्ध में अपने दोस्त का साथ।
धर्म का उपदेश दिया उन्होने गीता में,
आज है गीता हिन्दू ग्रन्थों में खास।
कृष्ण की लीला आज भी सब याद करते,
उनकी महिमा सब लोकों में है अपरामपार।
स्वरचित कविता
डॉ ऋषिका वर्मा
गढ़वाल, उत्तराखंड
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