डॉ ऋषिका वर्मा वर्तमान में दर्शन विभाग, हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल) उत्तराखंड में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। ऋषिका वर्मा मूलतः वाराणसी की रहने वाली है। उनके माता का नाम श्रीमति सुशीला वर्मा एवं पिता का नाम श्री लक्षमण प्रसाद है। उन्होनें अपनी उच्च शिक्षा बी.ए., एम.ए., पीएच.डी. एवं यू.जी.सी. द्वारा अनुमोदित पोस्ट डॉकटोरल फ़ेलोशिप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। उन्होने संस्कृत, बंगालिम तमिल, एवं रूसी जैसे कई भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में बनरस हिन्दू विश्वविद्यालय से डिप्लोमा किया है एवं बी.एच.यू. के काला संकाय और महिला महाविद्यालय में पाँच वर्ष तक अपना शोध कार्य करते हुए धर्मदर्शन विषय का अध्यापन भी किया है। लेखिका को आर्य महिला पी.जी. कॉलेज में बी.ए. की छात्राओं को 2 वर्षों तक योग विषय पढ़ाने का भी अवसर प्राप्त हुआ है। लेखिका ने 3 विषयों में नेट: दर्शनशास्त्र, जैन, बौद्ध, गांधी एवं शांति अध्ययन, तथा, धर्म का तुलनात्मक अध्ययन और दर्शनशास्त्र में ही जेआरएफ़ अवार्ड प्राप्त किया है। डॉ। ऋषिका वर्मा का विवाह 30 वर्ष की आयु में संजय कुमार से हुआ एवं उनकी एक संतान रिशोन वर्मा है जोकि 6 वर्ष का है। डॉ। ऋषिका वर्मा को कविता लिखने, विभिन्न तरह के आर्ट वर्क बनाने का भी शौक है। उनकी कवितायें एवं लेख प्रायः पत्रिकाओं एवं अखबार में भी प्रकाशित होते रहते हैं। लेखिका का 30 से अधिक शोध-पत्र राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओ में प्रकाशित हो चुका है एवं उनके द्वारा लिखी हुई 3 पुस्तकें: योग के विभिन्न आयाम, सांख्यदर्शन एवं शांकरवेदान्त का तुलनात्मक अध्ययन एवं भामाती प्रस्थान एवं विवरण प्रस्थान का तुलनात्मक अध्ययन, प्रकाशित हो चुकी है। लेखिका को उनकी पुस्तक “सांख्यदर्शन एवं शांकरवेदान्त का तुलनात्मक अध्ययन” आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी हिन्दी भूषण अलंकरण तथा पाँच हजार रुपये सम्मान निधि से अलंकृत किया गया है। लेखिका के 12 सांझा संकलन: काव्य सृजन, कामगारों की कहानियाँ, मेरे लेखन का सफर, शब्द शिखर, सात फेरे साथ तेरे, नंदी मेरे महादेव से कहना, चंचलता अक्षरों की, योग से निरोग रहें, येन बारिश की बुँदे, बचपन की यादें, गुरु मेरे पथप्रदर्शक में कवितायें एवं लेख प्रकाशित हो चुकी है एवं उन्हें 19 सम्मान एवं अवार्ड: महाराणा प्रताप ब्रेवरी, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविद् सम्मान 2021, विदुषी मैत्रेयी सम्मान 2024, विश्व रत्ना सम्मान एवं वुमन आइकन अवार्ड, विश्व योगरत्न सम्मान, विश्व साहित्य सम्मान, बेस्ट यंग वुमन फ़ैकल्टि अवार्ड, इंटरनेशनल योग वारियर अवार्ड, विश्व रत्न सम्मान, वुमेन आइकॉन अवार्ड, साहित्य गौरव सम्मान, पर्यावरण संरक्षण रत्न अवार्ड, इंडिया स्टार इंडिपेंडेंट अवार्ड, मानवीय सेवा साथी सम्मान, स्वतंत्र दिवस गौरव सम्मान, सरस्वती प्रज्ञा सम्मान, आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी हिन्दी भूषण अलंकरण, एवं हिन्दी उत्कृष्ट साहित्य सेवी सम्मान द्वरा सम्मानित किया गया है।