मेरा हौसला था

गिराने वालों ने कब तरस खाया,

ये मेरा हौसला था,सम्हालता रहा ।।

हर कदम पर बाधाएं मिली मुझको,

फिर मंजिल की तरफ बढ़ता रहा ।।

लोग उठाते रहे मेरे किरदार पे उंगलियां

मैं फिर भी न रुका, सदा लिखता रहा ।।

वक्त का हर फैसला,मंजूर है मुझको,

वक्त से साथ साथ मैं,सदा चलता रहा।।

देखने वालों को तो,बस आग नजर आई,

प्रेम का दीपक था,जो प्रकाश करता रहा ।।

ये गीत,गजल,और शायरी, कविता,

अक्सर उसे सोच कर,मैं करता रहा ।।

वो लिखे हर शब्द से पन्ने भी पावन हो गए,

तेरा जिक्र जिस डायरी में,मैं करता रहा ।।

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रचनाकार

Author

  • अनूप अंबर

    नाम : अनूप अंबर जन्म तिथि:01जनवरी 1991 पिता का नाम:राजेश कुमार पता: फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेशइनके नौ साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, पच्चीस अर्थलोगी प्रकाशित हो चुकी है, विभिन्न मंचों से 150 से अधिक सम्मान पत्र प्राप्त है, इनकी विभिन्न रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है,ये कई साहित्य पटलों पर सक्रिय है ।। Copyright@अनूप अंबर / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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