तावा मूंदा तव बहुत गवा
बखरी अस आज उजार परी
दमदार परोसी नाय भये
अपनै कमजोर देवार परी
अस रहा परानिम् मेल जोल
कहियौ न परसंताप भवा
अउ रही बखरिया स्वर्ग
कबौ
जानै केहकै संताप भवा
यक थरियम् जुटिकै खात
रहेन चूल्हा मा आज दरार परी
दमदार परोसी नाय…….
घर कै न तनिकौ फिकिर
रहा
कोठरिन् मा महिफिल
जमय लाग
दालिम् जौ पानी ढेर भवा
कलियस कै तम्बू तनै लाग
अम्मा बप्पक जिव जरै लाग
किस्मत कै अयिसन मार
परी
दमदार परोसी नाय……..
चुन चुन कै तिनका जोर जोर
बखरी कै बना सिंगार रहा
ईंटा माटी से ढेर भाय
परिवार कै झलकत प्यार
रहा
तुलसी कै बिरवा सूख गवा
अंगनाई रंण ललकार परी
दमदार परोसी नाय भये
अपनै कमजोर देवार
परी…..!!
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