नाचे दुनिया बावरी

नाचे दुनिया बावरी , समय बजाये बीन ।

बूढ़े घर में क़ैद हैं , बच्चे हुए मशीन ।

आंखें तेरी श्यामला , ज्यों काजल की रेख ।

घटा घिरी आकाश में , छत पर तुमको देख ।

सब मन की कारीगरी , सारा मन का खेल ।

लिपट रही है जिस्म से , अंगूरों की बेल ।

नई पुरानी ज़िंदगी , नये पुराने लोग ।

नई पुरानी चाहतें , नये पुराने भोग ।

फीकी फीकी जिंदगी , फीका मन का साज़ ।

सर पर मंडराने लगा , रोज़ मौत का बाज़ ।

ढूंढा करते प्रेम को , ढूंढा करते सोज़ ।

घूमा करते बेसबब , हम गलियों में रोज़ ।

धीरे धीरे तन हुआ , इक नाज़ुक सामान ।

या पर्वत के गांव में , दरका हुआ मकान ।

माथे पे सिंदूर है , भरी हुई है गोद ।

ऐसी शोभित नार ज्यों , बजता हुआ सरोद ।

रातें मिष्ठी हो गईं , दिन मीठे अमरूद ।

जबसे ख़ुद को कर लिया , अपने तक महदूद ।

तन पत्थर का गांव है , मन उड़ता सुर्खाब ।

भीतर है जो आत्मा , इक प्राचीन किताब ।

एक रोग है वासना , एक रोग संसार ।

अस्पताल मन प्राण में , आध्यात्म उपचार ।

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रचनाकार

Author

  • कमलेश श्रीवास्तव

    कमलेश श्रीवास्तव पिता-श्री शिवचरण श्रीवास्तव माता-श्रीमती गीता देवी श्रीवास्तव जन्म तिथि- 14 अगस्त 1960,श्री कृष्ण जन्माष्टमी जन्म स्थान- सिरोज, जिला विदिशा, म.प्र. शिक्षा-एम.एससी.(रसायन शास्त्र) साहित्यिक गतिविधियाँ- आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हिन्दी उर्दू काव्य मंचों पर काव्य-पाठ| कृतियाँ/प्रकाशन- नवगीत संग्रह समांतर-3, गज़ल संग्रह "वक्त के सैलाब में" एवं गज़ल संग्रह "क्या मुश्किल है" का प्रकाशन सम्प्रति- शाखा प्रबंधक एम.पी. वेअर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन शाखा पचौरी, जिला-रायगढ़ में शाखा प्रबंधक के रूप में पदस्थापित| संपर्क सूत्र- 269"धवल निधि" बालाजी नगर,पचौर, जिला- रायगढ़, म. प्र.,पचौर 465683 मो-09425084542 email-kamlesh14860@gmail.comCopyright@कमलेश श्रीवास्तव / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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