खुद अपनी तकदीर बनाएंगे

किस्मत का लिखा मिटाएंगे,

खुद अपनी तकदीर बनायेगे ।

आज जमाना मेरी हंसी उड़ा ले

कल सबके मुंह उतर जायेंगे ।।

अभी सब दर्द जख्म स्वीकार मुझे,

अब आवाज न कोई लगाएंगे ।

जिस दिन हमारा वक्त बदलेगा,

तब सबकी औकात बताएंगे ।।

हर आंसू को पी जायेंगे,

अब हर हाल में मुस्काएंगे ।

कैसा रहा मंजिल का सफर,

ये मैं नही,मेरे रास्ते बतलाएंगे ।।

अब जख्मों से न घबराएंगे,

हम तुफां से आंख मिलाएंगे ।

मिट जाएं तो, मिट जाएं हम

पर पीछे न कदम हटाएंगे ।।

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रचनाकार

Author

  • अनूप अंबर

    नाम : अनूप अंबर जन्म तिथि:01जनवरी 1991 पिता का नाम:राजेश कुमार पता: फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेशइनके नौ साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, पच्चीस अर्थलोगी प्रकाशित हो चुकी है, विभिन्न मंचों से 150 से अधिक सम्मान पत्र प्राप्त है, इनकी विभिन्न रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है,ये कई साहित्य पटलों पर सक्रिय है ।। Copyright@अनूप अंबर / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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