सोच कर देखो
जिंदगी में सबकी सबकुछ नहीं मिलता,
किसी का कुछ तो किसी का और रह ही जाता है।
कोशिश करो हर दिन जीने की जिंदगी को,
बीत तो ऐसे भी दिन और रात रहा है।
छोटों को भी प्यार की जरूरत होती है,
अपनों को अपना बनाकर रखो।
छोटी छोटी बातों में ही खुशियाँ रहती है,
बड़े के इंतजार में जिंदगी ही न गुजर जाए।
एहम इंसान को चैन से जीने नहीं देता,
लेकिन आत्म-सम्मान जरूरी है।
अपने रूठते है तो मान भी जाते है,
गैरों को तो मनाने की क्या जरूरत है।
छोड़ तो कुछ चीजे वक्त पर,
सब कुछ हमारे चाहने से कहाँ होता है।
लाख कारले कोई अपनेपन का दिखावा,
अपना है कौन बुरे वक़्त में पता चल ही जाता है।
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