मां से बोली बेटी मां मैं भी पढ़ने जाऊंगी।
पढ़ लिख कर के इस जग में मैं खूब नाम कमाऊंगी।
कलम किताब लेकर के मैं भी स्कूल को जाऊंगी।
अशिक्षा के अंधकार को मैं भी दूर भगाऊंगी।
मां से बोली बेटी मां मैं भी पढ़ने जाऊंगी
शिक्षा की इस राह पे चलकर मैं चमत्कार दिखलाऊंगी।
एक दिन अफसर बन करके मां मैं खुशियां बरसाऊंगी।
मैं पढ़कर शिक्षा के इस दीप से दीप जलाऊंगी।
अशिक्षा के अंधकार को मैं भी दूर भगाऊंगी।
मां से बोली बेटी मां मैं भी पढ़ने जाऊंगी।
शिक्षा के बल पर मैं मां अपना परचम लहराऊंगी।
नहीं किसी से कम मैं मां दुनिया को ये समझाऊंगी।
रूढ़ियों में जकड़े इंसानों को सही राह दिखलाऊंगी।
मिटा बुराई इस समाज से नई दिशा दिखलाऊंगी।
मां से बोली बेटी मां मैं भी पढ़ने जाऊंगी।
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