पर्व है रंगों का मन को भी रंग लीजिये
होलिका भस्म हुई प्रहलाद को संग लीजिए
भक्ति की शक्ति को सदा नमन रंग दीजिए
नास्तिकता बदरंग है इसका न रंग लीजिये
आस्तिकता का रंग उमंग संग लीजिए
घर घर ज्योत प्रहलाद संग विष्णु रंग दीजिये
हर घर होलिका दहन हो कुछ ऐसा संग कीजिये
पुलकित हर मन रहे कुछ ऐसा ढंग लीजिए
नरसिंह अवतार को भी भक्ति रंग दीजिये
प्रहलाद सा सबका मन रहे यही रंग लीजिये
पर्व है रंगों का मन को भी रंग लीजिये
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