गन्ना कै रस आवत होई
डेउढी का महकावत होई
लिहा गिलासी छोटका
बबुआ
गझिनै दहिउ मिलावत होई
सुधि चैती बइसाख कै आवै
दांत लड़कपन कै सहलाय
अम्मा सिरका लिहिउ सजाय !
बगियम् लदा टिकोरा होई
खुला अनाजेक् बोरा होई
खडी दुपहरिम् बरफ खवाइस
उलझा परा कटोरा होई
दानेदार खांड कै कूंणा
सपनन मा हम लिहन गिराय
अम्मा सिरका लिहिउ सजाय !
लागि अरहरिक् भीरी होई
पातिक् बनत पिपीहिरी होई
मेरि मेरि चिरइन के साथे
टीं टीं करत टिटीहिरी होई
अमझोर्रा रोटिक् चटकारा
बीता बचपन दिययि घुमाय
अम्मा सिरका लिहिउ सजाय !
रोजगारी अस गांव छोडाइस
जूड नीब कै छांह छेडाइस
ऊपर से इ दुनियादारी
भाइस् भाइक बांह छोडाइस
बस यादनि कै सुख मा अवधी
जिनगी कै दिन बीतत जाय
अम्मा सिरका लिहिउ सजाय !!
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